कहां की जाती है रावण की पूजा, जानिए मध्यप्रदेश का कौनसा है वो जिला ?

 जहां की जाती है रावण की पूजा, जानिए मध्यप्रदेश का कौनसा जिला है वो



दोस्तों आज हम बात करेंगे कुछ ऐसे जगहों के बारे में जहां रावण की पूजा बड़े आस्था के साथ किया जाता है। दोस्तों भारत में एक बड़े हिस्से में दशहरे के दिन रावण दहन किया जाता है तो इससे उलट कई जगहें हैं जहां रावण का पूजा श्रद्धापूर्वक किया जाता है,



दोस्तों उन जगहों के बारे में बात करने से पहले हम रावण के बारे में जान लेते हैं, दोस्तों जहां हमें रावण को बुराई का उदाहरण देते हुए बताया जाता है कि उसके उलट कई मान्यताएं हैं जिसमें रावण को बुरा साबित करने का षडयंत्र बताते हैं, कई समुदायों में प्रथाएं चलती है जहां रावण को एक सर्वशक्तिशाली सम्राट के रूप में माना जाता है, जिनका मानना है कि रावण से सम्बंधित जानकारियों को उलटफेर किया गया, मनघड़ंत कहानियों को रचा गया जिससे रावण को बुरा साबित किया जा सके।

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दोस्तों अब बात करते हैं उन जगहों के बारे में जहां रावण की पूजा की जाती है दोस्तों उन जगहों में मध्यप्रदेश का एक जिला मंदसौर बेहद प्रचलित है जहां। रावण की पूजा बड़े श्रद्धा से किया जाता है, मंदसौर शहर में रावण का एक बड़ा प्रतिमा भी है जहां वर्ष पर आस्था के साथ लोग जाते हैं।

मंदसौर को दशपुर भी कहा जाता है जिससे यहां की मान्यताएं है कि दशपुर रावण का ससुराल है।



उत्तरप्रदेश का बिसरख गांव 

दोस्तों मध्यप्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में भी रावण की पूजा की जाती है, जिनमे उत्तरप्रदेश का बिसरख गांव भी उनमें से एक हैं जहां रावण का एक मंदिर भी बना हुआ है, यहां मान्यताएं है कि यह गांव रावण का ननिहाल गांव है। और रावण का बचपन में यहां आना जाना बना हुआ था।

उत्तरप्रदेश का एक जगह और रावण की पूजा बड़े आस्था के साथ किया जाता है यह जगह है जसवंतनगर जहां रावण की पूजा आरती की जाती है ।


दक्षिण भारत रावण की पूजा बड़े रूप में की जाती है यहां रावण को ज्ञानी और विद्वान माना जाता है, जिसे एक बड़े आस्था के साथ मनाया जाता है, व यहां के लोग रावण दहन को गलत मानते हैं। 

कर्नाटक में भी रावण की पूजा की जाती है, कर्नाटक के मालवल्ली जगह में रावण का मंदिर बना हुआ है जहां रावण की पूजा की जाती है। कर्नाटक के एक और जगह है कोलार जहां रावण की पूजा की जाती है, 



राजस्थान के जोधपुर में भी रावण की पूजा हर्षोल्लास के साथ किया जाता है जहां रावण का भव्य मूर्ति भी स्थापित किया गया है, यहां के लोग खुद को रावण का वंशज मानते हैं, व रावण के साथ जोधपुर का गहरा संबंध बताते हैं।


इसके अलावा कई जगहें हैं जहां रावण की पूजा की जाती है रावण पूजन को पिछले कुछ सालों से विस्तार मिला है व छोटे छोटे गांवों में भी रावण पूजा किया जाता है, जो रावण को एक प्रतापी राजा के रूप में मानते हैं, आदिवासी समुदाय रावण को अपना पूर्वज बताते हैं जिनका मानना है कि षडयंत्र से उनका चरित्र दोहन किया गया, व उनको बुराई का प्रतीक बताया गया। 




दोस्तों अगर आपको भी रावण पूजन के बारे में जानकारी है तो हमारे साथ अपनी जानकारी साझा करें एवं रोचक जानकारी साझा करें जिसे हम अन्य लोगों तक वह जानकारी पहुंचा सके।


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