जयस का आव्हान और उमड़ा आदिवासियों का जन सैलाब ( JAYS ) ( jays) neemach madhyapradesh

जयस का आव्हान और उमड़ा आदिवासियों का जन सैलाब

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मध्यप्रदेश के नीमच जिले में आदिवासी युवक कान्हा भील के निर्मम हत्या के विरोध में जयस ने 5 सितंबर 2021 के लिए देश भर के आदिवासियों को एकजुट होने के लिए आव्हान किया जिसका परिणामस्वरूप 5 सितंबर को आदिवासियों का हुजूम नीमच के बाणदा ग्राम में देखने को मिला। जिसमें हजारों के तादाद में आदिवासी जन, युवा महिलाओं और पुरुषों का सैलाब मध्यप्रदेश, राजस्थान, और महाराष्ट्र के धरती से इकट्ठा हुआ जिनमें साफ तौर से आदिवासियों पर होते अत्याचारों, बलात्कार, और हत्याओं के विरोध में आक्रोश दिखा, और मौजूदा सरकार के आदिवासी के ऊपर उनके रवैए का विरोध स्वर फूटा। 

यह सभी को मालूम है कि जयस आज मध्यप्रदेश में सक्रिय रूप से अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों के हकों अधिकारों की बात करने वाला मुख्य संगठन बन चुका है, जो बड़े बड़े राजनीतिक दलों को उनके गरीब वंचित तबके के लोगों के अत्याचार पर कोई खामोशी के विरोध में चुनौती दे रहा है। यह किसी से छिपा नहीं है कि जयस प्रदेश में नए संगठनात्मक ताकत के रूप में उभरा है जयस की ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले दिनों नेमावर में हुए हत्याकांडों में प्रदेश भर से विरोध जताने के लिए आदिवासियों को एकजुट होने के लिए आव्हान किया था, जिसमें हजारों के तादाद में आदिवासी समुदाय के लोग एकत्रित हुए, जहां उन्होंने मौजूदा सरकार यह संकेत दिया कि आदिवासी समाज अब पहले के समान खामोशी से अत्याचारों को सहने वाला नहीं है। उसके बाद नीमच में मानवता को शर्मशार करने वाली घटना के विरोध के विरोध में आदिवासियों का इतने मात्रा में एकत्रित होना उसके संगठनात्मक ताकत को दर्शाता है, 

Dr hiralal alawa

बड़े बड़े राजनीतिक दलों के महकमे में इस बात का जरूर हड़कंप होगा कि मध्यप्रदेश में आदिवासी समुदाय जो चुनावी तौर से एक बड़ी भूमिका निभाती है सरकार बनाने में वो अब आंदोलनों, और राजनीतिक परिवेश में ढल रहा है, अपने मांगो और अधिकारों को समझ रहा है, अपने खिलाफ होते अत्याचारों पर आवाज उठा रहा है,  
जयस का संगठनात्मक रूप से मजबूत होने का कारण यह है कि इसमें युवा वर्ग की भागीदारी बहुतायत में हैं, वो युवा वर्ग जो अब संवैधानिक अधिकारों की बात करता है, वो युवा वर्ग जो शिक्षा स्वास्थ्य और तमाम मूलभूत सुविधाओं की बात करता है, जो राजनीतिक पृष्ठभूमि को समझ रहा है, 

  

मध्यप्रदेश एक आदिवासी बहुल प्रदेश है, और आदिवासी युवा पिछले कई दशकों से एक संगठनात्मक संरचना के इंतजार में था जो उसे एक नई ताकत और अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए वो पृष्ठभूमि मुहैया कराएं जो अन्य संगठनों में है, जिसकी भरपाई आज जयस कर रहा है, जयस का इस समय उभार आना जब आदिवासी युवा पढ़ लिख गया है, रोजगार और आर्थिक स्वतंत्रता की महत्ता को समझ गया है, जो शिक्षा के मूल्यों को समझ गया है, 
जयस आज मध्यप्रदेश के राजनीतिक भूमि में मुख्य भूमिका निभा रहा है चाहे वो नेमावर में हुए बलात्कार और हत्याकांड की बात हो या नीमच हत्याकांड की बात हो सरकार के आंखों में आंखे डालकर उनके प्रशासनिक और कानूनी व्यवस्था पर सवाल करने के लिए प्रथम पंक्ति में खड़ा है, 

नीमच में उमड़े जनसैलाब में जयस के प्रतिनिधित्व मंडल ने मध्यप्रदेश के सरकार को यह बता दिया कि जयस अब खामोश रहने वाला संगठन नहीं यह न्याय की मांग करने वाला संगठन है, जयस आदिवासी समाज के लोगों को एक नए विकल्प के रूप में भरोसा हो रहा है, जो उनके अधिकारों के लिए हमेशा खड़ा रह रहेगा। 



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